यह विषमता क्यों........
फिल्म इंडस्ट्री ने एक नियम बनाया है कि अगर कोई कलाकार भीड़ में भी शामिल होता है तो उसे 1500 रुपये देंगे और एक पंक्ति का भी संवाद बोलता है तो 2500 रुपये देंगे ...लेकिन सरकारी गैर सरकारी संस्थानों ने कवि लेखकों के लिये कोई पैमाना नहीं बनाया है.1000-2000 .....कुछ भी देकर हाथ जोड़ सकते हैं.यही नहीं साहित्य के सबसे बड़े पुरस्कार और सिनेमा के सबसे बड़े पुरस्कार में भी राशि का बड़ा अंतर है.
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