Tuesday, 27 September 2016


मेरी कुछ भोजपुरी रचनाएं


रासबिहारी पाण्डेय


 
1

रोजे बढ़ेला महंगाई,
रामराज ए भइया कहिया ले आई ।
मोदी ले अइहें कि राहुल ले अइहें
मीडिया ई कबले बताई ।
फ्रीज टीवी कूलर भइल जाता सस्ता
महंगा हो कपड़ा दवाई ।
कर्जा पर कर्जा चढ़त बा बिदेशी
आखिर ई कबले पटाई ।
एम पी एमेले करोड़न में खेलें
गाँधी के देले दोहाई ।
रोज एगो नयका घोटाला सुनाता
रामजी ई देसवा बचाईं ।


2

हमसे अनेत ई देखल नाहीं जाता
दू रंग के दुनिया बनवले बिधाता ।
बड़का जे चोरवा महल में रहत बा
ककड़ी के चोरवा के फाँसी दिआता ।

हाड़तोड़ मेहनत करे जे दिन रतिया
काटेला जिनिगी सहते संसतिया
आंटे अनाज नाहीं आंटेला बस्तर
काल्हु के चिंता में रोजे पिसाता ।

कुकुरन के आगे कहीं बिस्कुट फेंकाता
आदमी इहां खइले बिन तड़फड़ाता
घूमें दलाल इहां एअर कंडीशन में
मेहनतकसवा के गोड़ भँउराता ।

कोई दिल्ली कोई बंबे में बइठल
वर्ग सर्वहारा पर देवेला लेक्चर
सभकर बा फोकस इहे मनइया
तरह तरह के पैकेज में बिकाता ।

अबरा के मउगी के भर गाँव देवर
सभई मजा ले न केहू के नेवर
थाना कचहरी जबरका के बाटे
एमपी एमेले सबका से नाता । 

3

करजे मे जिअना करजे में मुअना
हर काम बाटे उधारी में ।
ए भइया जिनिगी गइल मोर बेगारी में...।

सातो दिन काम में न कहियो आराम बा
रोटी कपड़ा मकान तभियो हराम बा
दिल्ली के नोट सरकारी पलान वाला
गँउवा में बँटे रेजगारी में ।

पतई पर रोजे आपन परान बा
कइसे कहीं देसवा हमार ई महान बा
आसमान में टँग के दिनवां में काम करीं
रतिया सड़क के किनारी में ।

जेलवो में केहू पलँग पर उँघात बा
घर वाला स्पेशल खाना दिआत बा
खाक डर होई कानून आ बेवस्था से
सुख भोगें जइसे ससुरारी में ।

झिड़की आ गाली मिलेला हर बात में
एके सांस सौ कमी बतावेले जात में
चानी काटें हमनी के मेहनत के बल पर ऊ

चलेले सूट आ सफारी में ।

4

चलsनेता जी के आज अभिनंदन करेके,
चौक में बइठा के इनकर मुंडन करेके।ॉ

पाँच बरिस अन्तर्ध्यान रहले,
आइल चुनाव फिर परगट भइले,
गदहा साथे इनकर गठबंधन करेके ।

अपराधी माफियन के देले संरक्षण,
हर ओर इनकर फिक्स बा कमीशन,
खाता के जाँच इनका लंदन करेके ।

भर हीक जबले ई नाहीं कुटइहें,
केतना घोटाला कइले नाहीं बतइहें,
हार जूता के डाल मनोरंजन करेके।

5

पढ़ लिख के बेकार बइठले हो गइले नालायक,
इनसे नीक बाटे छोटका बेपढ़ले भइल विधायक।

चोर आ पुलिस दूनो हाजिरी लगावेले,
भइया भइया कहके हुकुम बजावेले,
ठीकेदार ठीक से कमीशन पहुँचावेले,
जिला भर लोग उद्घाटन करावेले,
बड़कू एतना डिग्री लेके भइले कवना लायक।
इनसे नीक बाटे छोटका बेपढ़ले भइल विधायक।।

कहिये से देत बाड़े बड़े कंपटीशन,
आजले ना सक्सेज भइल इनकर मिशन,
रिटेन में छँटले कहीं छँटले इंटरव्यू में,
आजले ई लागल बाड़े नोकरी के क्यू में,
झूठ के एह दुनिया में भइल बाड़े सच के गायक ।
इनसे नीक बाटे छोटका बेपढ़ले भइल विधायक।।

6

राजघाट रउरा समाधि पर फूल चढ़ावे गाँधी जी,
बाकिर रउरा मारग पर ना केहू आवे गाँधी जी।

हर थाना हर कोट कचहरी में बा फोटो टाँगल,
एह फोटो के नीचे लोगवा भ्रष्टाचार में लागल,
केहू ब्लैक त केहू एके ह्वाइट कहेला गाँधी जी,
सबका पाकिट में राउर तस्वीर रहेला गाँधी जी,
सच्चा मन से नाहीं केहू हृदय बसावे गाँधी जी।

जइसन छोड़ के गइलीं रउआ हालत ओहसे बदतर बा,
महँगाई के हाल न पूछीं चिन्ता रोज बहत्तर बा,
नेता मंत्री व्यवसायी सब लूटपाट में लागल,
देस के चिंता केहू के ना कइसन लहरा लागल,
जे पकड़ाला ऊहे खाली चोर कहाला गाँधी जी ।

मो. 7208925984 / 8286442491

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