संघ लोक सेवा आयोग में हिंदी का जलवा
रासबिहारी पाण्डेय
संघ लोक सेवा आयोग के 100 वर्षों के इतिहास में पहली बार हिंदी माध्यम से परीक्षा देने वाले 54 उम्मीदवार सफल हुए हैं। पिछले वर्ष हिंदी माध्यम से सफल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या मात्र 24 थी। हर वर्ष मुख्य परीक्षा में तकरीबन 15000 उम्मीदवार दाखिल होते हैं।इनमें से लगभग 14000 अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देते हैं, सिर्फ 1000 उम्मीदवार हिंदी माध्यम से परीक्षा देते हैं। इस लिहाज से देखें तो हिंदी माध्यम से सफल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या अंग्रेजी से कई गुना अधिक है।सुखद आश्चर्य है कि इस परीक्षा में सबसे अधिक अंक हासिल करने वाली प्रथम चार उम्मीदवार लड़कियां हैं।यही नहीं सफल होने वाले प्रथम 25 उम्मीदवारों में भी14 लड़कियां शीर्ष पर हैं। मात्र 34 परसेंट भागीदारी के साथ महिलाओं के लिए यह सबसे सफल वर्ष है।देर से ही सही संघ लोक सेवा आयोग के नीति निर्धारकों को यह बात समझ में आ गई है कि प्रशासनिक सेवा में आने के लिए सिर्फ कॉन्वेंट स्कूलों से पढ़े लिखे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले उम्मीदवारों को ही वरीयता देने की जरूरत नहीं है,अपनी मिट्टी से जुड़े गांव कस्बों से निकलकर आने वाले क्षेत्रीय भाषा भाषी उन युवा युवतियों की भी जरूरत है जो प्रशासन को सही तरीके से संभाल सकते हैं।
संघ लोक सेवा आयोग के कुल 9 प्रश्न पत्र होते हैं जिनमें 7 प्रश्न पत्रों के ही अंक परिणाम में जुड़ते हैं । 600 अंक के 2 प्रश्न पत्र ऐसे होते हैं जिनके अंक परिणाम में नहीं जुड़ते लेकिन इनमें उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है। पहले इसी उत्तर पुस्तिका की जांच होती है। जो उम्मीदवार इनमें अनुत्तीर्ण होते हैं उनकी बाकी उत्तर पुस्तिकाएं देखी ही नहीं जातीं।
इसमें पहला पत्र अंग्रेजी भाषा और दूसरा पत्र हिंदी या संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कोई अन्य भाषा हो सकती है। पहले अंग्रेजी भाषा की परीक्षा के अंक परिणाम में जोड़े जाते थे लेकिन उम्मीदवारों के सतत संघर्ष के बाद इन दोनों पत्रों में उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम 25% अंक अनिवार्य कर दिए गए।इस वर्ष एक उम्मीदवार मैथिली भाषा को चुनकर भी परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ है।
संघ लोक सेवा आयोग के प्रत्येक प्रश्नपत्र का पूर्णांक 250 अंक होता है,इस तरह सात प्रश्न पत्रों का पूर्णांक1750अंक और फिर साक्षात्कार का 275 अंक अलग
होता है।परीक्षा परिणाम में शीर्ष पर आने वाले उम्मीदवार भी 55%अंक से अधिक हासिल नहीं कर पाते।
2017 की संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा में तेलंगाना केअनुदीप दुरीशेट्टी ने कुल पूर्णांक 2025 में से 1126 नंबर प्राप्त करके अब तक का सबसे अधिक अंक प्राप्त किया है।
उम्मीदवार के व्यक्तित्व को पूरी तरह समझने के लिए परीक्षा में वर्णनात्मक (सब्जेक्टिव)प्रश्नों को वरीयता दी जाती है, जिनमें निबंध, सामान्य ज्ञान, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण,सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन,भारतीय संस्कृति और विरासत ,विश्व इतिहास और भूगोल तथा सामाजिक न्याय विषय प्रमुख हैं।
अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी भी अपना साक्षात्कार हिंदी माध्यम से दे सकते हैं। प्रशासनिक सेवा की सबसे बड़ी परीक्षा में इस विकल्प ने कितने ही होनहार युवाओं को अनुत्तीर्ण होने से बचाया।फिलहाल सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थी यह परीक्षा छह बार दे सकते हैं,अति पिछड़ा वर्ग(obc)नौ बार और अनुसूचित जाति/जनजाति(sc/st)के अभ्यर्थी चाहे जितनी बार दे सकते हैं।वंचित समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए आरक्षण का विधान किया गया था किंतु आरक्षण प्राप्त कर प्रथम श्रेणी के अधिकारी बन चुके अभ्यर्थियों के बच्चों को भी उसी प्रकार आरक्षण मिल रहा है जिससे उन लोगों का अधिकार छिन रहा है जिन्हें सही अर्थों में आरक्षण की जरूरत है।
मेडिकल,इंजीनियरिंग,एमबीए आदि परीक्षाएं भी यदि हिंदी माध्यम से होने लगें तो भारत की तस्वीर बदलने में देर नहीं लगेगी।रूस,जर्मनी,चीन समेत ढेर सारे देश यदि अपनी भाषाओं में यह शिक्षा देने में सक्षम हैं, फिर हिंदी में यह शुरुआत क्यों नहीं हो सकती?
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